मुझे भारतिय लोग अच्छालग्ता हैं ! आई लभ इंडियन !
हेल्लो दोस्तो ये मेरा फस्ट ब्लक पेज है । में आँप लोगोको यिस पेजमे अपने जीवनमे उपयोगी वाले बहुत हि स्टोरी,मोटिभेसनल बाते और बहुत सारे जानकारी देते रहुंगा कृपया आँप सबने मेरा पेजको लाईक और शेयर कर्के मेरा सहएता कर्दिजे।
दोस्तो मे नेपाल से हुं। मे अभि अभि हिन्दी सिक्नेका प्रयास कर रहहु क्युकी मुझे हिन्दी भाषा और इन्डियन लोग बहुत प्रसंत है। और इन्डियन दोस्त बनानेका भि बहुत इच्छा है आपलोग मेरा साथ दोस्ति भि करसक्ते है।मे वीर गोर्खालीका पुत्र हुं।गोर्खाली सदैब अपने दोस्तोको नहि छोड्ते।किसि भि परिस्थितिमे अपना ज्यान देकर भि दोस्ति निभाकर रहेंगा।
इन्डियन और गोर्खालीका रिस्ता और दोस्ती बहुत हि पुराना हैं।ए दोस्तो और रिस्ता तो भगवान श्रीराम जि औ मां जानकी सीता जिका समयसे चल्ती आरही परम्परा हैं।मे भि यहि परम्परा से चल्ती आरही पबित्र नाताको साकार कर्नेकी लिए हिई आपलोग से मित्रताका एलान कर रहि हुं।क्या आप लोग मेरा साथ दोस्त बन्नेके लिए तयार हैं?
दोस्तो आप लोगोको जानकारी है ? मां जानकी तो वर्तमान नेपालका जनकपुर उस समयका मिथिलाका महान और बहुत हि बुद्धिमानी ज्ञानि राजा जनकका प्यारी से पुत्री थि।ईतिहास और हिन्दु ग्रन्थके अनुसार एक बार मिथिला देश अर्थात राजा जनक जिका देश मे बहुत हि सुख्खा पर हुवा था।सुख्खा के कारन बहुत हि लोग जनावर और पंछी मरगए थे।कयौनें मिथिला छोड्दिए थे।देश मे पानी अहुनेसे बडा संकटका रुप लेलिए थे।फेरभी बारिश नहि हो रहि थेंं।बारिस न हुनेके बजाए खेती पाती भि नहि हो पाए।यहाँ तक कि पिने पानीका मुहान तक बाकी नहि था सब नदिया तलाउ शुख गए थें।
राजा जनक अपना देशवासिको बहुत प्यार कर्ते थें।उनोने यिस महासंकटको समाधान कर्नेकेलिए बडा बडा ऋषिमुनि और ज्योतिषको जम्म कर्के मिटिङ किया।उस बिद्धान सभाका महापुरोषोनें एक उपाए निकाललिया।उ उपाय है राजानेंं खेतोमे जाकर नहर लगाना।
फिर राजा जनक नें तुरुन्त बेलगाडा तयार कर्ने लगाए और खेतोमे चल गए।जब राजा जनक खेतोमे बेल लगा रहे थेंं अचानक किसि चिजमे बेलगाडाका पहिंया फसगए।राजाने बेलको साएटमे लगाते हुए उस जग्गामे खुदाई किए तो वहाँ पे एक बाक्सा देखाई दिए।जब उस बाक्सामे खुलकर देखातो बहापे एक बच्ची रु रहि थि।राजा बहुत खुस हो गए क्युकी राजाका कोहि सन्तान नहि थे।बच्ची बहुत तेजस्वी और अलौकिक सुन्दर्ता ने भरिपुर्न थि।पौरानिक भाषामें मिट्टिको सीता भि बोल्ते थे।मिट्टिके अन्तर से जन्म हुनेके कारन हिंं उस बच्चिकी नाम सीता रखा दिए थे और जनक पुत्री हुनेके कारन मां सिताको आदर पुर्बक जानाकी भि बोल्ते हैं। आप नेपाल जनकपुरमे अवस्थित पबित्र रामजानकी मन्दिरका फोटो यिस लिंकमे क्लिक करकेभी देख सक्तेहैं दोस्तो।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIeKYda26DymGIIjK0zWx3DzSgxwdoBwCBjo8YTexkn1N_jCRP6ueyMdsleKItWUS1HZcC8MUdQtMYwIdfu2HZM3WTb47vUd6NXpS8_PX2H0_x2jT2gc4CtLkPwPaqpkIkyGXuAFMNhpSo/h120/06082016014049Janaki-Mandir-1000x0.jpg
दोस्तो आपका बहुमुल्य समय देकर यिस लेखको पढ्नेकिए लिए धन्यवाद । अब आप यिसको दोस्तोके साथ शेयर कर्के हेल्पभी कर दिजे और मे दुसरा लेखमे अच्छ्यसे जानकारी लेकर आउंगे ।आप नेपालके बारेमे कुछ जानकारी चाहे होतेभी मुज्से कमेन्टमे जरुर लेख्न दोस्तो मे बहुत सारे जानाकारी दिनेका कोसिस करुंगा। आप मुझ्से मेरा ईमेल मे भि मेल कर सक्ते है धन्यवाद !
सम्पर्क:freebusinessidia@gmail.com
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